प्रधानमंत्री केयर फाँर चिल्ड्रन योजना वर्ष 2021 ऐसे बालक बालिकाएं जिनके दोनों माता-पिता को खो दिया है।

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*प्रधानमंत्री केयर फॉर चिल्ड्रन योजना 2021*

उज्जैन 6 अगस्त । कोविड-19 महामारी के कारण 11 मार्च 2020 से महामारी समाप्त होने तक ऐसे बालक/बालिका जो माता पिता दोनों, जीवित माता/पिता, कानूनी अभिभावक या दत्तक माता पिता को खो चुके ऐसे बालकों के कल्याण स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने के उद्देश्य से तथा 23 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिये जाने हेतु ‘ PM Cares for Children’ योजना प्रारम्भ की गई है।

  • जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री गौतम अधिकारी द्वारा बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य बालकों की सम्पूर्ण देखभाल एवं उन्हें संरक्षण प्राप्त हो, जिन्होंने अपने अभिभावकों को कोविड-19 सर्वव्यापी महामारी के कारण खोया हो। बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनकी भलाई को सक्षम बनाना, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना और उन्हें 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता के साथ आत्मनिर्भर अस्तित्व के लिए तैयार करना है। इसमें वह बालक पात्र है जिन्होंने कोविड-19 के कारण दोनों माता-पिता को या जीवित माता-पिता या वैधानिक संरक्षण अथवा दत्तक माता-पिता की मृत्यु होने पर लाभ दिया जाने का प्रावधान है, जिसकी अवधि 11 मार्च 2020 से महामारी समाप्ति तक है। योजनान्तर्गत अनाथ बालकों को आगे की शिक्षा के लिए स्कॉलरशीप 5 लाख रूपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा (आयुष्मान भारत योजना) के तहत किया जायेगा। 11 से 18 वर्ष के बालकों को रेसिडेंशियल स्कूल की मुफ्त सुविधा मिलेगी। एज्युकेशन लोन भी प्राप्त होगा, लोन का ब्याज सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। बालक को 23 वर्ष की आयु में 10 लाख रूपये उपलब्ध कराये जायेंगे। आवेदन किये जाने हेतु श्री गौतम अधिकरी द्वारा बताया गया कि कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए ऐसे बालक के लिए आवेदन कर सकते है, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक न हो, भारत का स्थायी निवासी होना आवश्यक है, माता पिता की मृत्यु कोविड 19 के कारण हुई हो। ऐसे पात्र हितग्राही बालक के लिए pmcaresforchidren.in पर ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। उल्लेखनीय है की 15 ऐसे पात्र बालकों के प्रकरण उक्त पोर्टल पर महिला एवं बाल विकास द्वारा उपलोड किए जाकर स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है।
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